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"द्रौपदी मुर्मू"

Story of "Draupadi Murmu" in her own words- 


✔️ वास्तविक नाम - द्रौपदी मुर्मू  
✔️ जन्म - 20 जून 1958
✔️ जन्म स्थान - मयूरभंज, उड़ीसा भारत
✔️ उम्र - 64 साल ( 2022 तक)
✔️ पति - स्वर्गीय ( श्याम चरण मुर्मू )
✔️ बच्चे - बेटा: दो (दिवंगत) तथा एक बेटी (इतिश्री मुर्मू )
✔️ पिता - बिरंची नारायण टूडू
✔️ धर्म - हिंदू
✔️ शिक्षा - कला स्नातक
✔️ रुचि - लेखन (कविता)

द्रौपदी मुर्मू की कहानी उन्हीं के जुबानी- "मैं (आदिवासी) संथाल समाज से आती हूं। परिवार बहुत गरीब था। मेरा मकसद सिर्फ छोटी सी नौकरी करके परिवार पालना था। नौकरी लग भी गई, लेकिन ससुराल वालों के कहने पर छोड़नी पड़ी। मन नहीं लगा तो फिर मुफ्त में बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया। वहीं से समाजसेवा करने लगी। 1997 में पहली बार रायरंगपुर नगर पंचायत के काउंसलर का चुनाव लड़ा और जीत गई। 2000 में टिकट मिला और जीत गई। इसके बाद मंत्री बनी। 2009 में चुनाव हारने के बाद गांव आ गई। मगर इसी बीच बेटे की दुर्घटना में मौत हो गई, जिससे डिप्रेशन में चली गई। 2013 में दूसरे बेटे को भी हादसे में मौत हो गई। 2014 में पति को भी खो दिया। इसके बाद पूरी तरह टूट गई थी, पर हिम्मत जुटाकर खुद को समाजसेवा में झोंक दिया। (मुर्मू ने जैसा एक इंटरव्यू में बताया।)

💖 “द्रौपदी मुर्मू” वो बेटी, जो एक बड़ी उम्र तक घर के बाहर शौच जाने के लिए अभिशप्त थी... अब वो भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद की सुशोभित करेंगी।

💖 “द्रौपदी मुर्मू” वो लड़की, जो पढ़ना सिर्फ इसलिए चाहती थी कि परिवार के लिए रोटी कमा सके... वो अब भारत की 'राष्ट्रपति' बनने जा रही हैं।

💖 “द्रौपदी मुर्मू” वो महिला, जो बिना वेतन के शिक्षक के तौर पर काम कर रही थी... वो अब भारत की 'राष्ट्रपति' बनने जा रही हैं।

💖 “द्रौपदी मुर्मू” वो महिला, जिसे जब ये लगा कि पढ़ने-लिखने के बाद आदिवासी महिलाएं उससे थोड़ा दूर हो गई हैं तो वो खुद सबके घर जा कर 'खाने को दे' कह के बैठने लगीं... वो अब भारत की 'राष्ट्रपति' बनने जा रही हैं।

💖 “द्रौपदी मुर्मू” वो महिला, जिसने अपने पति और दो बेटों की मौत के दर्द को झेला और आखिरी बेटे के मौत के बाद तो ऐसे डिप्रेशन में गईं कि लोग कहने लगे कि अब ये नहीं बच पाएंगी... वो अब भारत की 'राष्ट्रपति' बनने जा रही हैं।

💖 “द्रौपदी मुर्मू” जिस गाँव में कहा जाता था राजनीति बहुत खराब चीज है और महिलाएं को तो इससे बहुत दूर रहना चाहिए, उसी गाँव की महिला अब भारत की 'राष्ट्रपति' बनने जा रही है।

💖 “द्रौपदी मुर्मू” वो महिला, जिन्होंने अपना पहला काउंसिल का चुनाव जीतने के बाद जीत का इतना ईमानदार कारण बताया कि 'वो क्लास में अपना सब्जेक्ट ऐसा पढ़ाती थीं कि बच्चों को उस सब्जेक्ट में किसी दूसरे से ट्यूशन लेने की जरूरत ही नहीं पडती थी और उनके 70 नम्बर तक आते थे इसीलिए क्षेत्र के सारे लोग और सभी अभिवावक उन्हें बहुत लगाव करते थे'... वो महिला अब भारत की 'राष्ट्रपति' बनने जा रही है।

💖 “द्रौपदी मुर्मू” वो महिला, जो अपनी बातों में मासूमियत को जिन्दा रखते हुए अपनी सबसे बड़ी सफलता इस बात को माना कि 'राजनीति में आने के बाद मुझे वो औरतें भी पहचानने लगी जो पहले नहीं पहचानती थी'... वो अब भारत की 'राष्ट्रपति' बनने जा रही हैं।

💖 “द्रौपदी मुर्मू” वो महिला, जो 2009 में चुनाव हारने के बाद अपनी असफलता की जड़ को तलाशने फिर से गाँव में जा कर रहने लगी और जब वापस लौटी तो अपनी आँखों को दान करने की घोषणा की... वो अब भारत की 'राष्ट्रपति' बनने जा रही हैं।

💖 “द्रौपदी मुर्मू” वो महिला, जो ये मानती हैं कि 'Life is not bed of roses. जीवन कठिनाइयों के बीच ही रहेगा, हमें ही आगे बढ़ना होगा। कोई push करके कभी हमें आगे नहीं बढ़ा पायेगा'... वो अब भारत की राष्ट्रपति बनने जा रही हैं।

💖 “द्रौपदी मुर्मू” दशकों-दशक से ठीक कपड़ों और खाने तक से दूर रहने वाले समुदाय को देश के सबसे बड़े 'भवन' तक पहुँचा कर भारत ने विश्व को फिर से दिखा दिया है कि यहाँ रंग, जाति, भाषा, वेष, धर्म, संप्रदाय का कोई भेद नहीं चलता।

💖 “द्रौपदी मुर्मू” जिनके प्रयासों से उनके गाँव से जुड़े अधिकतर गाँवों में आज लड़कियों के स्कूल जाने का प्रतिशत लड़कों से ज्यादा हो गया है, ऐसी "द्रौपदी मुर्मू" जी का हार्दिक स्वागत है 

💖 “द्रौपदी मुर्मू” ने अपने ससुराल की जमीन एक स्कूल के नाम कर दिया है, जिसमें अब गर्ल्स और ब्वायज हास्टल बने हुए हैं। स्कूल में कुल 70 बच्चे पढ़ाई करते हैं। 

💖 “द्रौपदी मुर्मू” को ओडिशा विधानसभा ने 2007 में सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया था। द्रौपदी मुर्मू का कार्यकाल MLA के तौर पर काफी सम्मानीय रहा है। 

💖 “द्रौपदी मुर्मू” झारखंड की पहली महिला राज्यपाल थीं। वह छह साल एक माह 18 दिन तक झारखंड की राज्यपाल रहीं। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने झारखंड के विश्वविद्यालयों के लिए चांसलर पोर्टल शुरू कराया।

'राष्ट्रपति भवन' अब वास्तविकता में 'कनक भवन' बन रहा है


द्रौपदी मुर्मू का राजनीतिक जीवन (Draupadi Murmu Political Life)

💖 “द्रौपदी मुर्मू” ने एक शिक्षक के रूप में अपना करियर शुरू किया और फिर ओडिशा की राजनीति में प्रवेश किया। वह भाजपा के टिकट पर मयूरभंज के रायरंगपुर से दो बार (2000 और 2009) में विधायक रहीं। उन्होंने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में पार्टी के भीतर कई प्रमुख पदों पर कार्य किया है। मुर्मू 2013 से 2015 तक भगवा पार्टी की एसटी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य भी थीं। उन्होंने 1997 में पार्षद के रूप में चुनाव जीतकर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। उसी वर्ष, उन्हें भाजपा के एसटी मोर्चा का राज्य उपाध्यक्ष चुना गया।

💖 “द्रौपदी मुर्मू” ने 1997 में भारतीय जनता पार्टी के साथ राजनीति में प्रवेश किया। ये उड़ीसा में भारतीय जनता पार्टी और बीजू जनता दल गठबंधन सरकार के दौरान, वह 6 मार्च 2000 से 6 अगस्त 2002 तक वाणिज्य और परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थीं। व 6 अगस्त 2002 से 16 मई 2004 तक मछली पालन और विकास राज्य मंत्री थीं। और 2002 से 2009 तक भाजपा के एसटी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रही। 2006 से 2009 तक भाजपा के एसटी मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष भी रहीं। 2013 से 2015 तक भगवा पार्टी के एसटी मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य भी रहीं। 2015 से 2021 तक झारखंड की माननीय राज्यपाल रही।